यूटिलिटी डेस्क. डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने और ग्रामीण लोगों तक इंटरनेट सुविघा उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार अगले साल 2020 में देश के करीब 2.5 लाख गांवों को मुफ्त वाई-फाई (WiFi) सर्विस मुहैया कराएगी। फिलहाल देश में भारतनेट परियोजना के तहत जुड़े 48,000 गांवों में वाईफाई की सुविधा है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारतनेट के जरिए जुड़े देशभर के गांवों को मार्च 2020 तक मुफ्त वाई-फाई दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार भारतनेट परियोजना के तहत 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को इसके तहत इंटरनेट ये जोड़ने का है। भारतनेट सेवाओं के उपयोग को बढ़ाने के लिए, सरकार भारतनेट के माध्यम से जुड़े सभी गांवों को मार्च 2020 तक मुफ्त वाई-फाई देगी।
भारतनेट प्रोजेक्ट
- भारत नेट परियोजना का नाम पहले ओएफसी नेटवर्क था जिसे 2011 में लॉन्च किया गया था। 2015 में इसका नाम बदलकर भारतनेट रख दिया गय।
- इस परियोजना के तहत 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर के ज़रिए हाईस्पीड ब्रॉडबैंड, किफायती दरों पर उपलब्ध कराया जाना है। इसके तहत ब्रॉडबैंड की गति 2 से 20 mbps तक होगी।
- इस परियोजना का उद्देश्य निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी से ग्रामीण और दूर-दराज़ के इलाकों तक ब्रॉड बैंड सेवाएं उपलब्ध कराना है।
- 8 जनवरी, 2018 को भारतनेट परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है इसके तहत देश में तकरीबन 1 लाख ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछ चुका है। यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के तहत भारतनेट परियोजना को बजट मुहैया कराया जा रहा है।
साझा सेवा केंद्रों पर मिलेगी बैंकिंग सेवाएं
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण इलाकों तक इंटरनेट सुविघा उपलब्ध कराने के बाद साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) पर बैंकिंग सेवाएं मिलेने लगेंगी। इन केंद्रों की संख्या 2014 में 60,000 से बढ़कर मौजूदा समय में 3.60 लाख हो गई है।
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