यूटिलिटी डेस्क. देश को कुपोषण से बचाने के लिए और पोषण के मामले में देश की रैंकिंग को सुधारने के लिए सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग एक नए प्रस्ताव पर काम कर रहा है, जिसके तहत आपको राशन की दुकानों पर अंडा, मछली, चिकन और मीट- मिल सकता है। इस प्रस्ताव को नीति आयोग के 15 ईयर विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया जा सकता है। इस प्रस्ताव को अगले साल पेश किया जाएगा और इसके 1 अप्रैल, 2020 से लागू होने की उम्मीद है।
नीति आयोग के शीर्ष अधिकारी के अनुसार सरकार पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम के तहत मिलने वाले फूड आइटम की सूची को विस्तार देने के बारे में सोच रहे हैं। इसमें प्रोटीन के स्रोत के तौर पर अंडा, मछली, चिकन और मीट में से एक या एक से अधिक विकल्पों को शामिल किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो गेहूं, चावल, मोटे अनाज और विभिन्न दालों के साथ ये भी सस्ते दाम पर मिलेंगे।
लोगों को जागरूक करना है लक्ष्य
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि बढ़ती आय के साथ लोगों को विभिन्न तरीकों के पोषण देने वाले भोजन की तरफ जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है। देश के लोगों का खान-पान तैलीय, मसालेदार और जरूरत से ज्यादा मीठे भोजन से भरा हुआ है, जो कि सेहत के लिए नुकसानदायक है। ऐसे में विजन डॉक्यूमेंट का लक्ष्य है लोगों में प्रोटीन से भरपूर भोजन के बारे में जागरूकता फैलाना।
देश में लगातार बढ़ रही कुपोषणकी समस्या
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 में भारत को 102वां स्थान मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की रैंकिंग ग्लोबल हंगर इंडेक्स में एशियाई देशों में सबसे खराब है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2019 में कुल 117 देशों को शामिल किया गया, जिसमें भारत 102वें पायदान पर है।
- यह दक्षिण एशियाई देशों में सबसे निचला स्थान है। भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका से भी पीछे है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 तैयार करने के लिए साल 2014 से साल 2018 के आंकड़ों का उपयोग हुआ था।
- यह रिपोर्ट किसी देश में कुपोषित बच्चों के अनुपात, 5साल से कम उम्रवाले बच्चे, जिनका वजन या लंबाई उम्र के हिसाब से कम है और 5साल से कम उम्र वाले बच्चों में मृत्यु दर के आधार पर तैयार की जाती है।
- भारत में कुपोषण की समस्या लगातार बढ़ती जा रहीभारत साल 2014 में 55वें स्थान पर था। वहीं भारत साल 2015 में 80वें स्थान पर, साल 2016 में 97वें स्थान पर, साल 2017 में 100वें स्थान पर और साल 2018 में 103वें स्थान पर था। भारत साल 2010 में 95वें स्थान पर था।
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