यूटिलिटी डेस्क. केंद्र सरकार ने एक देश-एक राशन कार्ड पहल के तहत राशन कार्ड का नया स्टैंडर्ड फॉर्मेड यानी नया डिजाइन तैयार किया है। साथ ही राज्य सरकारों से कहा है कि वह नए राशन कार्ड जारी करते समय नए फॉर्मेट का पालन करें। केंद्र सरकार की इस पहल से पूरे देश में राशन कार्ड एक समान हो जाएगा। अगले साल 1 जून से ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना देशभर में लागू होगी।
राज्य जारी करेंगे 10 डिजिट का राशन कार्ड नंबर
राज्यों को 10 डिजिट का स्टैंडर्ड राशन कार्ड नंबर जारी करने को कहा गया है जिसमें पहले दो डिजिट राज्य का कोड और इससे अगले दो डिजिट रनिंग राशन कार्ड नंबर होंगे। इसके अलावा अन्य दो डिजिट राशन कार्डधारक के परिवार के प्रत्येक सदस्य की यूनिक आईडी को प्रदर्शित करेंगे। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एनएफएसए के तहत देश में 81.35 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 75 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है।
वन नेशन-वन राशन कार्ड स्कीम से फायदा
इस योजना से आम लोगों को फायदा मिलेगा। इसके बाद लोग अब किसी खास पीडीएस दुकान से बंधे नहीं रहेंगे और वे कहीं भी राशन ले पाएंगे। दुकान मालिकों पर निर्भरता घटेगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान केअनुसार, इस योजना से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा, जो नौकरी के बेहतर अवसरों के लिए दूसरे राज्यों में रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति बिहार-उत्तर प्रदेश से दिल्ली में नौकरी करने आए हैं तो उन्हें वहीं आसानी से पीडीएस दुकान पर राशन मिलेगा। मौजूदा समय में आंध्र प्रदेश, हरियाणा समेत कई राज्यों में 100 फीसदी दुकानों पर पीओएस मशीनें उपलब्ध हो गई हैं। एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड को लागू करने के लिए सभी पीडीएस दुकानों पर पीओएस लगाना होगा।
इन राज्यों में लागू है आईएमपीडीएस
इंटीग्रेटिड मैनेजमेंट ऑफ पीडीएस (आईएमपीडीएस) के तहत कई राज्यों में खाद्य और सार्वजनिक वितरण के तहत लाभार्थी किसी भी जिले से राशन खरीद सकते हैं। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा शामिल हैं। राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने पर चोरी और धांधली में कमी आएगी।
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